Power Cut in Madhya Pradesh : बिजली संकट पर भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप

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Power Cut in Madhya Pradesh : बिजली संकट पर भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप

Madhya Pradesh में चल रहे बिजली संकट को लेकर भाजपा और कांग्रेस नेता एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।

भोपाल, नईदुनिया स्टेट ब्यूरो। मध्यप्रदेश में चल रहे बिजली संकट को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के दौर जारी है। कांग्रेस ने आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए इस संकट के लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया तो इस मुद्दे पर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक को लेकर भाजपा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधा है। भाजपा ने मुख्यमंत्री द्वारा मोबाइल स्पीकर चालू कर अधिकारियों को प्रमाण देना उनकी लाचारी और बेबसी बताई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाया है कि भाजपा प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ बिजली को लेकर दुष्प्रचार अभियान चला रही है। उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के मुकाबले कमलनाथ सरकार ने बिजली की आपूर्ति व्यवस्था में गुणात्मक सुधार किया है।

मांग-आपूर्ति, घोषित और कटौती के साथ ही बिजली अंधोसंरचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। सलूजा ने बताया है कि प्रदेश में जनवरी से मई 2019 की अवधि में कुल 32987.9 मिलियन यूनिट विद्युत प्रदाय किया गया जो पिछले वर्ष 2018 में इसी अवधि में प्रदाय 29207.57 मिलियन यूनिट से 12.9% अधिक रहा। सलूजा ने बताया कि भाजपा जानबूझकर सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर बिजली को लेकर दुष्प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की यह साजिश कामयाब नहीं होगी।

उधर, इस पर पलटवार करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता गोविंद मालू ने कहा है कि बेचारी सरकार, इससे तो सर्कस अच्छा। मुख्यमंत्री की अधिकारी सुनते नहीं। मोबाइल का स्पीकर ऑन कर प्रमाण देने वाले ऐसे लाचार और बेबस मुख्यमंत्री। सरकार चलेगी, इसका विज्ञापन देना पड़ रहा है। यही तो वक्त है बदलाव का। वहीं, भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने अपने टि्वटर पर बिजली कटौती के मामले में मुख्यमंत्री के पत्र में उनकी लाचारगी और प्रशासनिक कुशलता की कमी बताई है।

उन्होंने कहा कि इसमें नागरिकों को कोरे व थोथे आश्वासन ही नजर आते हैं। अग्रवाल ने यह भी कहा है कि सोशल मीडिया पर आक्षेप लगाने से पहले यह जान लें कि जाने-माने शायर, पत्रकार और कलाकार अपनी पीड़ा जता रहे हैं तो क्या ये अफवाह फैलाने वाले लोग हैं।

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